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हिट एंड रन के नए कानून की अनेक बातें अतार्किक, दोनों पक्षों केतर्कों के संतुलन की कमी

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हिट एंड रन के नए कानून की अनेक बातें अतार्किक, दोनों पक्षों केतर्कों के संतुलन की कमी

हिट एंड रन के मामलों में बढ़ रही दुर्घटनाओं की संख्या एवं बढ़ती मौतों को लेकर नए कानून भारतीय न्याय संहिता में जो संशोधन किया गया है और जिस पर बवाल मचा हुआ है वह बदली हुई परिस्थितियों एवं समय की मांग के लिए आवश्यक था किंतु उसमें काफी हद तक संशोधन की भी जरूरत है उल्लेखनीय है कि भारत उन देशों में शामिल है जहां हिट एंड रन के मामले सबसे ज्यादा आते हैं और मौतें भी सबसे ज्यादा होती हैं भारत में हर साल करीब साढ़े चार लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें डेढ़ लाख लोगों की मौत हो जाती है वर्तमान में आवश्यकता इस बात की है कि जो संशोधन विकसित देश क
कानून से प्रेरित होकर हमारे देश में लागू किया जा रहे हैं उन्हें हमारे देश की परिस्थितियों को भी देखकर संशोधन करना होगा हिट एंड रन मामले में 25 से 30 हजार लोग अपनी जान गंवा देते हैं अब सरकार ने भारतीय न्याय संहिता में हिट एंड रन मामले में सख्त नियम बना दिए हैं आज इस कानून के विरोध में देशभर के ट्रक और बस ड्राइवर सड़क पर उतर आए हैं दिल्ली, यूपी, बिहार, गुजरात, मध्‍य प्रदेश, राजस्‍थान समेत अनेक राज्‍यों के ड्राइवर हड़ताल पर हैं।

आखिर क्या है हिट एंड रन

हिट एंड रन’ सड़क दुर्घटना का एक प्रकार है जिसमें एक गाड़ी के दूसरी गाड़ी, व्यक्ति या चीज से टकराए जाने के बाद वाहन चालक पकड़े जाने के डर से उस स्थान से भाग जाता है, दुर्घटना के बाद ड्राइवर घटनास्थल पर नहीं रुकता है और किसी की मदद अथवा सहायता नहीं करता है उदाहरण के तौर पर अगर एक गाड़ी ने किसी व्यक्ति को टक्कर मार दी या कुचल दिया और फिर वाहन चालक घायल व्यक्ति की बिना मदद किए दुर्घटना स्थल से भाग गया यह आपराधिक मामला होता है, इस तरह की घटनाओं से बचाव के लिए कानून बनाएं गए हैं, पहले के कानूनी प्रावधानों में शक्ति नहीं थी किंतु अब इस तरह कानून में पहले से ज्यादा सख्ती कर दी गई है।

पुराने या अब तक के कानून में क्या थी व्यवस्था

पहले और अब हिट एंड रन कानून में अंतर को लोकसभा एवं राज्यसभा द्वारा पारित कर दिया गया है और देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हाल ही में संसद से पारित किए गए तीन नए आपराधिक न्याय विधेयकों को मंजूरी भी दे दी है ये तीनों विधयक अब कानून बन चुके हैं केंद्र सरकार द्वारा नोटिफिकेशन देकर जल्द ही ये नए कानून IPC के पुराने कानूनों की जगह ले लेंगे इनमें से भारतीय न्याय संहिता के एक प्रावधान ‘हिट एंड रन’ का विरोध किया जा रहा है पहले पुराने कानून के मुताबिक, हिट एंड रन मामले में लापरवाही से गाड़ी चलाने, लापरवाही के कारण किसी की मौत हो जाने या किसी की जान खतरे में डालने पर धारा 279, 304A, 338 के तहत कार्रवाई होती थी जिसमें अधिकतम दो साल की जेल का प्रावधान है, यही नहीं, आरोपी व्यक्ति को तुरंत जमानत भी मिल जाती है।

भारतीय न्याय संहिता की इन धाराओं पर है बवाल

अब भारतीय न्याय संहिता की धारा 104(2) के तहत हिट एंड रन मामले में आरोपी के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा अगर लापरवाही या तेज गाड़ी चलाने के कारण किसी व्यकति की मौत हो जाती है और आरोपी ड्राइवर बिना पुलिस को सूचित किए मौके पर फरार हो जाता है तो उसे 10 साल तक की सजा मिल सकती है 5 लाख रुपये का जुर्माना भी देना पड़ सकता है अगर आरोपी ड्राइवर दुर्घटनास्थल से भागता नहीं है तो भी उसे पांच साल तक की सजा हो सकती है दोनों ही मामले गैर-जमानती हैं और सबसे बड़ी बात आरोपी ड्राइवर को थाने से जमानत नहीं मिलेगी।

इन आंकड़ों ने मजबूर किया नए कानून को लाने के लिए

केंद्रीय परिवहन मंत्रालय की ओर से जारी ताजा आंकड़ों पर गौर करें तो पता चलता है साल 2021 की तुलना में 2022 में हिट एंड रन के मामले 17 फीसदी ज्यादा सामने आए हैं इनमें मौत भी पिछले साल से 17 फीसदी ज्यादा लोगों की हुई, घायलों की संख्या भी 20 फीसदी बढ़ी है साल 2005 से लगातार भारत में हर साल करीब साढ़े चार लाख सड़क हादसे हो रहे हैं बस 2020 में ये आंकड़ा चार लाख के नीचे गया था जब देशव्यापी लॉकडाउन लगा था, तब देश में 3 लाख 72 हजार 181 हादसे हुए थे, जिनमें 1,38,383 लोगों की जान गई थी

देशभर में वाहन चालक कानून में किए गए नए प्रावधान का विरोध कर रहे हैं नए कानून का विरोध करने वाले हड़ताल चक्का जाम कर रहे हैं और उनका कहना है कि जब तक सरकार हिट एंड रन पर नए कानून को वापस नहीं लेगी उनकी हड़ताल जारी करेगी, तब तक वह बस और ट्रक नहीं चलाएंगे, तमाम राज्यों में परिवहन व्यवस्था ठप पड़ गई है नए परिवहन नियमों का ट्रांसपोर्ट कारोबारी भी विरोध कर रहे हैं कानून में नए प्रावधान के खिलाफ देशभर में चक्काजाम करने वाले प्रदर्शनकारियों के अलग-अलग तर्क हैं वर्तमान हिट एंड रन कानून का विरोध करने वालों का कहना है कि अगर उन्हें पांच या दस साल के लिए जेल में डाल दिया जाएगा तो उनके परिवार का क्या होगा सड़क हादसे के बाद वहां से मौके पर भाग जाने वाले आरोप पर प्रदर्शनकारी ड्राइवर का तर्क है कि अगर वह मौके पर दुर्घटनास्थल से न भागें तो भीड़ उनपर हमला कर देगी और जान से भी मार सकती है अक्सर सड़क दुर्घटनाओं के बाद भीड़ उग्र हो जाती है कुछ विरोध करने वाले ड्राइवरों का दावा ये भी है कि सरकार ने ‘हिट एंड रन’ मामले में विदेश की तर्ज पर सख्त प्रावधान किया है लेकिन इससे पहले सरकार को भारत में विदेशों की तरह बेहतर सड़क और परिवहन व्यवस्था पर ध्यान देने की आवश्यकता है। ।

अमेरिका, जापान जैसे विकसित देशों में क्या है कानून

भारतीय न्याय संहिता में इस बदलाव भरे कानून की नींव अन्य विकसित देशों की कानून व्यवस्था से प्रेरित लगती है क्योंकि इसी प्रकार की व्यवस्था अमेरिका, जापान, फ्रांस जैसे अन्य देशों में है किंतु यहां पर यह देखना आवश्यक होगा कि क्या जिन देशों की व्यवस्था से हम प्रेरणा ले रहे हैं ,वहां की आधारभूत व्यवस्था भी भारत में वैसी ही है स्पष्ट रूप से इसका उत्तर हमें उल्टा दिखाई पड़ता है हमारे यहां की परिवहन व्यवस्था एवं आधारभूत ढांचा उपरोक्त देश से काफी हद तक मानक स्तर का
नहीं है ऐसे में उन देशों के जैसे कानून को लागू करना तार्किक नहीं है अमेरिका और जापान जैसे विकसित देशों में भी हिट एंड रन के मामले होते हैं अमेरिका में सड़क दुर्घटना के बाद किसी भी स्थिति में दुर्घटनास्थल छोड़ना अपराध है यहां अलग-अलग राज्यों के कानून अलग-अलग होते हैं दुर्घटना के बाद पुलिस को बिना सूचित किए वहां से चले जाने पर लाइसेंस रद्द, जेल की सजा और 20 हजार डॉलर तक जुर्माना लग सकता है जापान में सड़क यातायात अधिनियम के अनुसार, अगर एक कार चालक किसी व्यक्ति को सड़क पर टक्कर मार देता है और वह व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो जाता है या उसकी मौत हो जाती है तो आरोपी को अधिकतम 7 साल जेल की सजा दी जा सकती है या 1 मिलियन येन तक का जुर्माना लगाया जा सकता है, हालांकि अगर दूसरे व्यक्ति को गंभीर चोट नहीं लगी है, तो किसी को दंड से छूट मिल सकती है अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस की तुलना में जापान में काफी कम सड़क हादसे होते हैं. यहां साल 2020 में सड़क हादसे से 3416 लोगों को ही अपनी गंवानी पड़ी‌ थी अमेरिका, जापान, नार्वे, स्वीटडरलैंड जैसे विकसित देशों की तुलना में भारत काफी पीछे हैं, यहां हिंट एंड रन से लोगों की मौत का आंकड़ा काफी ज्यादा है विशेषज्ञों की मानें तो भारत में हिट एंड रन मामले ज्यादा होने का मुख्य कारण है- लापरवाही और गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार, ज्यादातर लोग सड़क नियमों का पालन नहीं करते हैं जैसे कि सीट बेल्ट पहनना, ओवरस्पीडिंग और नशे में गाड़ी चलाना।

यह आवश्यक संशोधन जरूरी है

सबसे पहले ट्रक ड्राइवर की सुरक्षा एवं मोब लिंचिंग के लिए उपाय करना होंगे इसके अलावा परिवहन व्यवस्था एवं आधारभूत ढांचा उन देशों के स्तर का विकसित करना होगा जिन देशों की कानूनी व्यवस्था को हमारे देश में लाया जा रहा है , इसके अलावा प्रत्येक गाड़ी में मुआवजा एवं दुर्घटना के ही कारण ज्ञात करने के लिए कैमरा इंस्टॉलेशन, ऐसी घटनाओं में पुलिस की कार्यशैली में आवश्यक बदलाव अनिवार्य करना होगा इस अवधारणा को भी बदलना होगा कि गलती सदैव बड़े वाहन चालक की होगी, इन सब बातों को ध्यान में रखकर किए जाने वाले संशोधित कानूनी नए कानून की वास्तविक मंशा और उद्देश्य , जो की सड़क दुर्घटना एवं सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों को कम करने के लिए कारगर सिद्ध होगी।

Comments (2)

  1. Edna Watson

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  2. Scott James

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